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"लोग ऊँची ऊड़ान रखते हैं / ज्ञान प्रकाश विवेक" के अवतरणों में अंतर

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लोग उँची उड़ान रखते हैं
 
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हाथ पर आसमान रखते हैं
 
हाथ पर आसमान रखते हैं

09:08, 20 जनवरी 2009 के समय का अवतरण



लोग उँची उड़ान रखते हैं
हाथ पर आसमान रखते हैं

शहर वालों की सादगी देखो
अपने दिल में मचान रखते हैं

ऐसे जासूस हो गये मौसम
सबकी बातों पे कान रखते हैं

मेरे इस अहद में ठहाके भी
आँसुओं की दुकान रखते हैं

हम सफ़ीने हैं मोम के लेकिन
आग के बादबान रखते हैं