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"वजह है इश्क़ के ज़िन्दा रहने की / श्रद्धा जैन" के अवतरणों में अंतर

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गुलों को वजह मिल गई है महकने की
 
गुलों को वजह मिल गई है महकने की
 
 
घटाएँ भी झूमती बल खाती हुई बरसी हैं
 
घटाएँ भी झूमती बल खाती हुई बरसी हैं
 
 
आसमाँ में चाँद का चेहरा निखर आया है
 
आसमाँ में चाँद का चेहरा निखर आया है
 
 
...और ख़्वाबों के चेहरे पर मुस्कराहट है
 
...और ख़्वाबों के चेहरे पर मुस्कराहट है
 
 
तमन्ना ने नए खूबसूरत पैरहन पहने
 
तमन्ना ने नए खूबसूरत पैरहन पहने
 
 
और मुद्दत की ख़ामोशी के बाद
 
और मुद्दत की ख़ामोशी के बाद
 
 
शोखियाँ लौट आई है
 
शोखियाँ लौट आई है
 
 
एहसास पिघल कर आंसुओं से बह निकले हैं
 
एहसास पिघल कर आंसुओं से बह निकले हैं
 
 
जो जम गए थे, कभी तुम्हारे जाने के बाद
 
जो जम गए थे, कभी तुम्हारे जाने के बाद
 
 
गिले और शिकवों की सियाही  अब धुल गई  है
 
गिले और शिकवों की सियाही  अब धुल गई  है
  
 
मुझे मालूम है ये वस्ल के मौसम
 
मुझे मालूम है ये वस्ल के मौसम
 
 
ज़यादा देर नहीं ठहरेंगे
 
ज़यादा देर नहीं ठहरेंगे
 
 
फिर हम और तुम ज़िन्दगी की  उलझन में घिर कर
 
फिर हम और तुम ज़िन्दगी की  उलझन में घिर कर
 
 
एक दूसरे से मिलने के लिए वक़्त के मोहताज़ होंगे
 
एक दूसरे से मिलने के लिए वक़्त के मोहताज़ होंगे
 
 
मगर तुम ऐसे ही  ज़िन्दगी से  कुछ पल चुराकर
 
मगर तुम ऐसे ही  ज़िन्दगी से  कुछ पल चुराकर
 
 
मुझसे  मिलने आते रहना  
 
मुझसे  मिलने आते रहना  
  
 
क्यूंकि हर पतझड़ से पहले आने वाला
 
क्यूंकि हर पतझड़ से पहले आने वाला
 
 
बसंत का मौसम ही
 
बसंत का मौसम ही
 
 
वजह है इश्क़ के ज़िन्दा रहने की
 
वजह है इश्क़ के ज़िन्दा रहने की
 
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12:37, 1 अगस्त 2011 के समय का अवतरण

गुलों को वजह मिल गई है महकने की
घटाएँ भी झूमती बल खाती हुई बरसी हैं
आसमाँ में चाँद का चेहरा निखर आया है
...और ख़्वाबों के चेहरे पर मुस्कराहट है
तमन्ना ने नए खूबसूरत पैरहन पहने
और मुद्दत की ख़ामोशी के बाद
शोखियाँ लौट आई है
एहसास पिघल कर आंसुओं से बह निकले हैं
जो जम गए थे, कभी तुम्हारे जाने के बाद
गिले और शिकवों की सियाही अब धुल गई है

मुझे मालूम है ये वस्ल के मौसम
ज़यादा देर नहीं ठहरेंगे
फिर हम और तुम ज़िन्दगी की उलझन में घिर कर
एक दूसरे से मिलने के लिए वक़्त के मोहताज़ होंगे
मगर तुम ऐसे ही ज़िन्दगी से कुछ पल चुराकर
मुझसे मिलने आते रहना

क्यूंकि हर पतझड़ से पहले आने वाला
बसंत का मौसम ही
वजह है इश्क़ के ज़िन्दा रहने की