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चूमने दो बारिश को तुम्हेंगिरने दो तुम्हारे अपने सिर पर बारिश की रजत-बूँदेंगाने दो बारिश को तुम्हारे अपने लिए एक लोरी बारिश बनाती है फुटपाथ पर शांत शान्त डबरेबारिश से डबरे बहते हैं गटर मेंबारिश गाती है मानो निद्रा-गीत रात में हमारी छत पर और मुझे प्यार है बारिशों से।
''' अँग्रेज़ी से अनुवाद : बालकृष्ण काबरा ’एतेश’ '''
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