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विमर्श / विकाश वत्सनाभ

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१.

असोरा परहक चौकी पर औंगठल
जुआन होइत राति मे
झमारल देहक ठेही
मँगैत अछि दीर्घ विश्राम
मुदा अकाबोन मे बौआइत
मनोभावक झमोर
लुझि पराइत अछि निन्न

२.

आँखिक डिमहा पर नचैत अछि
टिसनक ओलती मे ठाढ़
ठोर तर घोघ दबौने
सिसकैत लजवंती नवकनिया
हिनक प्रियतम आइये जेथिन लेह
चतुरथिक राति उमसल शोणित केँ
हेमाल करबाक निमित्त
की औथिन आपस कोजगरा मे?
अहि प्रश्नचिन्ह पर
के लगाअओत पूर्णविराम?

३.

ओही टिसनक बहरान पर
लत्ताक कोंचा मे
सुलेशन सुँघैत निसभेर भेल
कंटिरबाक हेंज
जेना ओहि कोचा मे
नुरियाएल हो पोथी आ झुनझुना
आ ओकर पाँजर मे राखल
कोनो यात्रिक नेराएल बटखरचा केँ
लुझबाक लेल कटाउँझ करैत
अनेरुआ कुकुरक हेंड़
अघोषित युद्धक अहि भूमिका मे
रोटी कहाँ छै एतेक सस्त?

४.

बियनी डोलबैत पिपरक सिहकी सँ
लाबनि पर नचैत डिबियाक आँच
जेना गीतक ताल पर नचैया
लेजर-शो मे पानि
ईजोतक अहि आरोह- अवरोह मे
चमकैत चाम परक फुटल दोदरा
जे राति सम्भोगक आपत्ति पर
अपन तरियाइन महकैत मनसा सँ
ओकरा भेटल छलै इनाम
से देखबैत छलि बहिनपा केँ
इंटरसिटी मे
जलेगर जाइत काल
ओकरे दम्माक दबाइ आनए
प्रेम मे कलह छै?

५.

आँखि सँ ठघरैत खूनक पलार
ठोड़क चुम्मा लैत
जिहक स्वादक अनुसार
आओर खून बहेबाक निमित्त
टोपी/चाननक सरंजाम मे ओझराएल
ई शताब्दी
कौखन गुजरात मे खून सँ कुरुड़ करैत
कौखन अयोध्या मे लहासक थाक पर-
मंदिर बनबैत
अबड़ेरैत छै नितांत आवश्यक विमर्श
लगैया मात्र कविते मे जीबैत छै संवेदना
आ कविये टा केँ मरैत छै निन्न
युग-युगान्तर सँ
अहिना चलैत आबि रहल छै धर्मयुद्ध?