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विश्वासघात / तेनजिन त्सुंदे / अरुण चन्द्र रॉय

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मेरे पिता मर गए
बचाते हुए हमारा घर,
हमारे गाँव, हमारा देश ।

लड़ना चाहता था
मैं भी
किन्तु हम हैं बौद्ध ।

दुनिया कहती है
हमें होना चाहिए
शान्तिमय और अहिंसक
इसलिए मैंने अपने दुश्मनों को
कर दिया है क्षमा ।

किन्तु कई बार मुझे लगता है
मैं ने अपने पिता के साथ किया है
विश्वासघात ।

अँग्रेज़ी से अनुवाद : अरुण चन्द्र रॉय