"शब्दहीनता को तोड़ने के लिए / रामेश्वर नाथ मिश्र 'अनुरोध'" के अवतरणों में अंतर
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आज फिर सूरज बहुत उदास है ? | आज फिर सूरज बहुत उदास है ? | ||
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और गलियाँ वीरान हैं ? | और गलियाँ वीरान हैं ? | ||
पता नहीं क्यों | पता नहीं क्यों | ||
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सिरफिरी गोलियों के शिकार हो गये हैं। | सिरफिरी गोलियों के शिकार हो गये हैं। | ||
जानता हूँ आतंकवाद को | जानता हूँ आतंकवाद को | ||
− | जिन्दगी से नफरत और | + | जिन्दगी से नफरत और मौत से प्यार है। |
उसे किसी का बोलना पसंद नहीं, | उसे किसी का बोलना पसंद नहीं, | ||
उसके राज्य में स्वच्छंदता और | उसके राज्य में स्वच्छंदता और | ||
− | अमन - चैन पर पाबंदी है , | + | अमन-चैन पर पाबंदी है , |
देशभक्ति और कर्तव्यनिष्ठा जघन्य अपराध हैं , | देशभक्ति और कर्तव्यनिष्ठा जघन्य अपराध हैं , | ||
एकता की बात करना सबसे बड़ा पाप है । | एकता की बात करना सबसे बड़ा पाप है । | ||
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आतंकवाद का अन्तिम लक्ष्य शाश्वत आतंक है , | आतंकवाद का अन्तिम लक्ष्य शाश्वत आतंक है , | ||
भय की मानसिकता का निर्माण है , | भय की मानसिकता का निर्माण है , | ||
− | भय - दोहन है , | + | भय-दोहन है , |
वातावरण की शब्दहीनता का शिलान्यास है । | वातावरण की शब्दहीनता का शिलान्यास है । | ||
− | मित्रो ! बड़ा घातक होता है | + | मित्रो! बड़ा घातक होता है |
वातावरण का शब्दहीन होना । | वातावरण का शब्दहीन होना । | ||
− | शब्दहीनता : मानवीय संवेदना की मृत्यु का संसूचक है , | + | शब्दहीनता: मानवीय संवेदना की मृत्यु का संसूचक है , |
मरघट का सन्नाटा है , | मरघट का सन्नाटा है , | ||
अन्याय से जूझनेवाले जीवट का | अन्याय से जूझनेवाले जीवट का | ||
गहरे अवचेतन में चला जाना है । | गहरे अवचेतन में चला जाना है । | ||
− | शब्दहीनता | + | शब्दहीनता: वस्तुत: मूल्यहीनता का पर्याय है , |
समाज के कायर होने की पहचान है , | समाज के कायर होने की पहचान है , | ||
आतंकवाद की मूक स्वीकृति का संधि -पत्र है । | आतंकवाद की मूक स्वीकृति का संधि -पत्र है । | ||
− | इसलिए दोस्तो ! आओ | + | इसलिए दोस्तो! आओ |
शब्दहीनता को तोड़ने के लिए | शब्दहीनता को तोड़ने के लिए | ||
एक जुट हो संघर्ष करें , | एक जुट हो संघर्ष करें , | ||
जिससे कि सूरज पहले की तरह | जिससे कि सूरज पहले की तरह | ||
फिर मुस्काता हुआ निकले , | फिर मुस्काता हुआ निकले , | ||
− | हवा नवेली दुल्हन - सी | + | हवा नवेली दुल्हन-सी |
पैंजनी बजाती आये , | पैंजनी बजाती आये , | ||
− | कालेज जाती लड़कियों -सी पेड़ों की पत्तियाँ | + | कालेज जाती लड़कियों-सी पेड़ों की पत्तियाँ |
− | पहले के मानिन्द गुनगुनाएँ , | + | पहले के मानिन्द गुनगुनाएँ, |
पक्षियों के इंद्रधनुषी पंख | पक्षियों के इंद्रधनुषी पंख | ||
पहले के मानिन्द आकाश की ऊँचाई नापें , | पहले के मानिन्द आकाश की ऊँचाई नापें , | ||
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वह लहलहाते मैदान को | वह लहलहाते मैदान को | ||
रेगिस्तान बनाना चाहता है । | रेगिस्तान बनाना चाहता है । | ||
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इस शब्दहीनता को तोड़ने के लिए आवाज उठायें, | इस शब्दहीनता को तोड़ने के लिए आवाज उठायें, | ||
एकजुट हो संघर्ष करें , | एकजुट हो संघर्ष करें , | ||
जिससे कि सूरज | जिससे कि सूरज | ||
पहले की तरह फिर मुस्कराता हुआ निकले , | पहले की तरह फिर मुस्कराता हुआ निकले , | ||
− | हवा नवेली दुल्हन -सी पैंजनी बजाती आये । | + | हवा नवेली दुल्हन-सी पैंजनी बजाती आये । |
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01:53, 16 जनवरी 2019 के समय का अवतरण
पता नहीं क्यों
आज फिर सूरज बहुत उदास है ?
हवा खामोश, सड़कें सूनी
और गलियाँ वीरान हैं ?
पता नहीं क्यों
फिर नुकीली चोंचों
और तेज पंजोंवाले गिद्धों से
बदरंग हो गया है नीलम-सा आकाश ?
रुक गया है उल्लास मुखर वृक्षों की
हरियल पत्तियों का मनोहर संगीत ?
बंद हो गया है हीरे-से झिलमिलाते
हिमकण के दर्पण में
तितलियों का अपना रंग-रूप निहारना ?
सिमट गये हैं घोसलों के घेरों में
गगन-विहारी पक्षियों के रंग-बिरंगे पंख ?
लगता है, फिर किसी निर्दोष का सिर
धड़ से अलग कर दिया गया है,
या फिर किसी बस को रोक कर
भून डाला गया है एक विशेष समुदाय के लोगों को,
या फिर रोजी-रोटी की तलाश में निकले कुछ लोग
सिरफिरी गोलियों के शिकार हो गये हैं।
जानता हूँ आतंकवाद को
जिन्दगी से नफरत और मौत से प्यार है।
उसे किसी का बोलना पसंद नहीं,
उसके राज्य में स्वच्छंदता और
अमन-चैन पर पाबंदी है ,
देशभक्ति और कर्तव्यनिष्ठा जघन्य अपराध हैं ,
एकता की बात करना सबसे बड़ा पाप है ।
यह भी जानता हूँ कि
आतंकवाद अपने-पराये में फर्क नहीं करता ,
आतंकवाद का अन्तिम लक्ष्य शाश्वत आतंक है ,
भय की मानसिकता का निर्माण है ,
भय-दोहन है ,
वातावरण की शब्दहीनता का शिलान्यास है ।
मित्रो! बड़ा घातक होता है
वातावरण का शब्दहीन होना ।
शब्दहीनता: मानवीय संवेदना की मृत्यु का संसूचक है ,
मरघट का सन्नाटा है ,
अन्याय से जूझनेवाले जीवट का
गहरे अवचेतन में चला जाना है ।
शब्दहीनता: वस्तुत: मूल्यहीनता का पर्याय है ,
समाज के कायर होने की पहचान है ,
आतंकवाद की मूक स्वीकृति का संधि -पत्र है ।
इसलिए दोस्तो! आओ
शब्दहीनता को तोड़ने के लिए
एक जुट हो संघर्ष करें ,
जिससे कि सूरज पहले की तरह
फिर मुस्काता हुआ निकले ,
हवा नवेली दुल्हन-सी
पैंजनी बजाती आये ,
कालेज जाती लड़कियों-सी पेड़ों की पत्तियाँ
पहले के मानिन्द गुनगुनाएँ,
पक्षियों के इंद्रधनुषी पंख
पहले के मानिन्द आकाश की ऊँचाई नापें ,
और कोई निर्दोष व्यक्ति
आतंक के हाथों फिर मरने न पाये ।
हाँ ,हाँ मुझे मालूम है
आतंकवाद हिरण नहीं भेड़िये पालता है ,
वह अन्न नहीं नर-माँस खाता है ,
जल नहीं वह नर-रक्त पीता है ,
उसका मुस्कान नहीं ,रुदन से रिश्ता है ,
वह लहलहाते मैदान को
रेगिस्तान बनाना चाहता है ।
फिर भी दोस्तो! आओ
इस शब्दहीनता को तोड़ने के लिए आवाज उठायें,
एकजुट हो संघर्ष करें ,
जिससे कि सूरज
पहले की तरह फिर मुस्कराता हुआ निकले ,
हवा नवेली दुल्हन-सी पैंजनी बजाती आये ।