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शिक्षा का परचम / रजनी तिलक
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तू पढ़ महाभारत
न बन कुन्ती, न द्रोपदी।
पढ़ रामायण
न बन सीता, न कैकेयी।
पढ़ मनुस्मृति
उलट महाभारत, पलट रामायण।
पढ़ कानून
मिटा तिमिर, लगा हलकार।
पढ़ समाजशास्त्र, बन जावित्री
फहरा शिक्षा का परचम।