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शिव जी हीरो बनोॅ हो-29 / अच्युतानन्द चौधरी 'लाल'

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कव्वाली

तनटा आबोॅ धनी पास बैठोॅ तनी
हमरा एतना सताना छौं लाजिम नहीं।।
चाँद छै चांदनी छै मधुर रात छै
आज हमरा तों छतिया लगावोॅ तनी।।
पीउ पीउ पुकारैछै पपिहा यहाँ
मोर नाचैछै पंख पसारी यहाँ
रितु छै बेहद सोहानोॅ बहार ऐलोॅ छै
आय महफिल में छै एक तोरे कमी।।
तिरछी चितवन के कातिल अदा पूछोॅ मत
मद सें भरलोॅ नजर के नशा पूछोॅ मत
तोरोॅ आंखी के जौने जहर ॅपीलॅ छै
से उठी कॅ कभी पानी पीतै नहीं।।
आज पूनम के शीतल मधुर रात छै
फूल के बान हमरा मदन मारैछै
हमरा सुध बुध के कुछ छै ठिकानोॅ नहीं
जल्दी आबी कॅ हमरा सम्हारोॅ तनी।।