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शिव जी हीरो बनोॅ हो-31 / अच्युतानन्द चौधरी 'लाल'
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ग़ज़ल
की बतैहौं कि की भॅ गेलै
हमरोॅ हालत अजब भॅ गेलै।
आमना सामना जे भॅ लै
हमरोॅ दिल आइना अ गेलै।।
एक छै रूप का प्यार छै
एक खुदा एक पिया भॅ गेलै।।
खूबसुरती तॅ आंखी में छै
चीज़ में रूप कुछ नै भेलै।
जब कि अइलै बलम सामने
हमरोॅ नीचें नजर भॅ गेलै।।
हमरा दिल मंे भेलै जब सें प्यार
मीठा मीठा दरद भॅ गेलै।।