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"शीतल छाँव देता( हाइकु) /रमा द्विवेदी" के अवतरणों में अंतर

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('1-सर पे हाथ <br> उँगलियों का स्पर्श <br> स्वर्ग का सुख ।<br><br>...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
 
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1-सर पे हाथ <br>
 
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उँगलियों का स्पर्श <br>
 
उँगलियों का स्पर्श <br>

20:57, 10 अप्रैल 2015 के समय का अवतरण

   
1-सर पे हाथ

उँगलियों का स्पर्श

स्वर्ग का सुख ।



2-हर गम में

शीतल छाँव देता

माँ का आशीष ।



3-साथ हैं सदा

अम्मा -बाबा की यादें

हिदायतें भी ।



4-तन से दूर

पर मन के पास

माँ की ममता ।



5-सज़ा भोगती

ममता लुटा कर

जहर पीती ।