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"सख़्तियाँ करता हूँ दिल पर ग़ैर से ग़ाफ़िल हूँ मैं / इक़बाल" के अवतरणों में अंतर

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सख़्तियाँ करता हूँ दिल पर ग़ैर से ग़ाफ़िल हूँ मैं
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है मेरी ज़िल्लत ही कुछ मेरी शराफ़त की दलील
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जिस की ग़फ़लत को मलक रोते हैं वो ग़ाफ़िल हूँ मैं
  
सख़्तियाँ करता हूँ दिल पर ग़ैर से ग़ाफ़िल हूँ मैं<br>
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बज़्म-ए-हस्ती अपनी आराइश पे तू नाज़ाँ न हो
हाय क्या अच्छी कही ज़ालिम हूँ मैं जाहिल हूँ मैं<br><br>
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तू तो इक तस्वीर है महफ़िल की और महफ़िल हूँ मैं
  
है मेरी ज़िल्लत ही कुछ मेरी शराफ़त की दलील<br>
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ढूँढता फिरता हूँ ऐ "इक़बाल" अपने आप को
जिस की ग़फ़लत को मलक रोते हैं वो ग़ाफ़िल हूँ मैं<br><br>
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आप ही गोया मुसाफ़िर आप ही मंज़िल हूँ मैं  
 
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ढूँढता फिरता हूँ ऐ "इक़बाल" अपने आप को<br>
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03:02, 13 फ़रवरी 2011 के समय का अवतरण

सख़्तियाँ करता हूँ दिल पर ग़ैर से ग़ाफ़िल हूँ मैं
हाय क्या अच्छी कही ज़ालिम हूँ मैं जाहिल हूँ मैं

है मेरी ज़िल्लत ही कुछ मेरी शराफ़त की दलील
जिस की ग़फ़लत को मलक रोते हैं वो ग़ाफ़िल हूँ मैं

बज़्म-ए-हस्ती अपनी आराइश पे तू नाज़ाँ न हो
तू तो इक तस्वीर है महफ़िल की और महफ़िल हूँ मैं

ढूँढता फिरता हूँ ऐ "इक़बाल" अपने आप को
आप ही गोया मुसाफ़िर आप ही मंज़िल हूँ मैं