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सच कहता हूँ तेरे घर में सांप घुसा है / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
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सच कहता हूँ तेरे घर में सांप घुसा है।
विषधर है वह तुझको डँसने पाप घुसा है।।
जीवन में जो कुछ भी तुमने काम किया है।
फल देने को कालांे का ये बाप घुसा है।।
रुपया पैसा को जितना तुम जाम किया है।
काला धन में गिनती कर अभिशाप घुसा है।।
चाहो जितना छटपट कर लो जेल मिलेगा।
हर सुख सुविधा छीना झपटी कांप घुसा है।।
मांफी मांगो या कुछ ऐसा काम करो तुम।
तेरे जीवन में ऊपर का झांप घुसा है।।