भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

सदस्य:Sumitkumar kataria

4,983 bytes removed, 14:55, 7 मई 2008
''आजकल कोश पर क्या कर रहा हूँ?''
आजकल, बकौल जनविजय जी, मुक्तिबोध को बिना पूछे चांद का मुँह टेढ़ा कर रहा हूँ। असल में आजकल अज्ञेयकी 'कितनी नावों में कितनी बार' टाइप कर रहा हूँ, उसे लायब्रेरी को लौटाने की जल्दी है। बाद में मुक्तिबोधकी किताब पूरी करूँगा।(उम्मीद करता हूँ, बल्कि मेरा इस तआरुफ़ को लिखने का इरादा भी यही है, कि अब दूसरे सदस्य मेरे लिए'जी' या 'आप' शब्द का इस्तेमाल नहीं करेंगे।)                       == ==अरे सुमित जी ! भैया, आप इतने अच्छे ढंग से चांद का मुँह टेढ़ा कर रहे हैं कि कुछ वर्षों बाद लोग आप को 'आप' ही नहीं 'बाप' कहना शुरू कर देंगे । रहा। एक साल के लिए सब बंद। इस उम्र एक साल में यह हाल है तो आप आगे क्या करेंगे ? ख़ैर, आपकी बात का मान रखते हुए आगे 'तुम' ही कहूंगा । भैया मेरे, शाबास ! बहुत अच्छा काम कर रहे हो । मैं तुम्हारे साथ हूँ । कविता में रुचि लेते हो, कविता पढ़ते हो तो कविता लिखते भी होंगे ? या अभी लिखना शुरू नहीं किया है ? हिन्दी भाषा की और हिन्दी साहित्य की समझ इसी उम्र अगर इम्तिहान में विकसित होकर मज़बूत बनेगी । इसलिए ख़ूब ज़्यादा से ज़्यादा साहित्य पढ़ने की कोशिश करना ।मैं अपना ई-मेल का पता लिख रहा हूँ, कभी भी कोई बात पूछनी हो या कुछ कहना फ़ेल हो गया तो मुझे लिख सकते हो । तुम जैसे नौजवान हैं तो भारत का भविष्य और हिन्दी का भविष्य उज्जवल है ।  सिर्फ़ इस बात का ख़्याल रखो कि हिन्दी में 'पूछना' क्रिया हमेशा के लिए 'से' कारक का इस्तेमाल होता है ।यानि "मुक्तिबोध को बिना पूछे" की जगह "मुक्तिबोध से बिना पूछे" लिखना चाहिए । अनिल जनविजय, aniljanvijay@gmail.com  ==पुस्तक की शैली==सुमित जी, पुस्तक की शैली का अर्थ है कि पुस्तक में जो सामग्री है वह किस शैली (छंद, विधा इत्यादि) में लिखी गयी है। आपने कहा ''"मुझे कविता कोश पर एक कविता संग्रह बता दीजिए, जिसमें किसी बंद। मम्मा-पापा ने विषय और शैली की लाइन में कुछ भरा हो।"'' -तो चलिये आपको बताने का प्रयास करता हूँ: [[रामचरितमानस / तुलसीदास]] को देखिये -यहाँ शैली दी गयी है -और भी कई संग्रहों में आपको गीत, ग़ज़ल इत्यादि शैली मिल जाएगी। आपने "भूमिका" की बात भी की। यदि आप पुस्तक की भूमिका भी जोड़ना चाहते हैं तो उसे रचनाओं के सूची में ही <nowiki>[[भूमिका / संग्रह का नाम]]</nowiki> के प्रारूप में जोड़ सकते हैं। ऐसा पहले भी हो चुका है -परन्तु मुझे याद नहीं आ रहा कि किस संग्रह में ऐसा किया गया था। आशा है आपके उत्तेजित प्रश्न को उसका संतोषजनक उत्तर मिल गया होगा :-) आप कोश में बहुत अच्छा काम कर रहे हैं! '''रोक लगा दी। माफी चाहूँगा।--[[सदस्य:Lalit KumarSumitkumar kataria|Lalit Kumarसुमितकुमार कटारिया]] ०९:२३, ३ फरवरी २००८ (UTC)''' प्रिय भाई सुमित, 'मुझे याद आते हैं' में आवश्यक सुधार कर उसे यथास्थान सुरक्षित भी कर दिया है।--[[सदस्यवार्ता:HemendrakumarraiSumitkumar kataria|Hemendrakumarraiवार्ता]] १५) १४:३१५४, ३ फरवरी ७ मई २००८ (UTC)
Anonymous user