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/* ग़ालिब */
संदीप
 
प्रिय संदीप जी
बहुत ज़्यादा रिडायरेक्ट बन जाने की ललित जी की चिंता बिल्कुल सही है
, फिर भी यह तो कम्प्यूटर-स्क्रीन के अन्दर की बात है.
लेकिन ग़ालिब के नाम में वर्तनी की अशुद्धि एक दम स्क्रीन पर दिख रही है जिससे पाठक का पन्ने से मोहभंग ज़रूर होता है
.
मुझे तो लगता है कि ये अशुद्धियाँ पाठ्क को दिखाई नहीँ देनी चाहिए.