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भाई धर्मेन्द्र जी!
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'सक्रिय परियोजनाओं की सूची' से 'नीहार' को हटा दिया है। हम आपके बेहद आभारी हैं कि आपने 'नीहार' का टंकण पूरा कर दिया है। अब आगे क्या करने जा रहे हैं?
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सादर
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--[[सदस्य:अनिल जनविजय|अनिल जनविजय]] १३:२०, २३ सितम्बर २००९ (UTC)
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प्रिय भाई धर्मेन्द्र जी!
 
प्रिय भाई धर्मेन्द्र जी!
 
आपने महादेवी जी के'नीहार' संग्रह का पन्ना अलग से बना दिया है, यह अच्छा है। आप उसमें संग्रह की सभी कविताएँ जोड़ेंगे, यह भी ठीक है। लेकिन महादेवी जी के मुख्य पन्ने पर भी कुछ कविताएँ रहनी चाहिएँ ताकि उस पन्ने पर पहुँचने वाले पाठक को उस पर सिर्फ़ कविता-संग्रहों के नाम ही नहीं दिखाई पड़ें, बल्कि कुछ कविताएँ भी दिखाई पड़ें। आम तौर पर हम किसी भी कवि की प्रमुख कविताएँ ही उस कवि के मुख्य पृष्ठ पर जोड़ते हैं ताकि पाठक को उस पन्ने पर पहुँचते ही उस कवि की मुख्य कविताएँ दिखाई दे जाएँ। आप भी आगे से इस बात का ख़याल रखियेगा कि कवि की प्रमुख कविताएँ न हटाएँ।
 
आपने महादेवी जी के'नीहार' संग्रह का पन्ना अलग से बना दिया है, यह अच्छा है। आप उसमें संग्रह की सभी कविताएँ जोड़ेंगे, यह भी ठीक है। लेकिन महादेवी जी के मुख्य पन्ने पर भी कुछ कविताएँ रहनी चाहिएँ ताकि उस पन्ने पर पहुँचने वाले पाठक को उस पर सिर्फ़ कविता-संग्रहों के नाम ही नहीं दिखाई पड़ें, बल्कि कुछ कविताएँ भी दिखाई पड़ें। आम तौर पर हम किसी भी कवि की प्रमुख कविताएँ ही उस कवि के मुख्य पृष्ठ पर जोड़ते हैं ताकि पाठक को उस पन्ने पर पहुँचते ही उस कवि की मुख्य कविताएँ दिखाई दे जाएँ। आप भी आगे से इस बात का ख़याल रखियेगा कि कवि की प्रमुख कविताएँ न हटाएँ।

18:50, 23 सितम्बर 2009 का अवतरण

भाई धर्मेन्द्र जी! 'सक्रिय परियोजनाओं की सूची' से 'नीहार' को हटा दिया है। हम आपके बेहद आभारी हैं कि आपने 'नीहार' का टंकण पूरा कर दिया है। अब आगे क्या करने जा रहे हैं? सादर --अनिल जनविजय १३:२०, २३ सितम्बर २००९ (UTC)

प्रिय भाई धर्मेन्द्र जी! आपने महादेवी जी के'नीहार' संग्रह का पन्ना अलग से बना दिया है, यह अच्छा है। आप उसमें संग्रह की सभी कविताएँ जोड़ेंगे, यह भी ठीक है। लेकिन महादेवी जी के मुख्य पन्ने पर भी कुछ कविताएँ रहनी चाहिएँ ताकि उस पन्ने पर पहुँचने वाले पाठक को उस पर सिर्फ़ कविता-संग्रहों के नाम ही नहीं दिखाई पड़ें, बल्कि कुछ कविताएँ भी दिखाई पड़ें। आम तौर पर हम किसी भी कवि की प्रमुख कविताएँ ही उस कवि के मुख्य पृष्ठ पर जोड़ते हैं ताकि पाठक को उस पन्ने पर पहुँचते ही उस कवि की मुख्य कविताएँ दिखाई दे जाएँ। आप भी आगे से इस बात का ख़याल रखियेगा कि कवि की प्रमुख कविताएँ न हटाएँ। अब महादेवी जी की उन कविताओं के नाम फिर से जोड़ने की बात पर, जो आपने हटा दी थीं, मैं अपना उत्तर दे रहा हूँ। दरअसल आरम्भ में मैंने यह नहीं देखा था कि आपने 'नीहार' का अलग पन्ना बना दिया है। लेकिन जब यह देख लिया तो दोबारा से कविताएँ नहीं हटाईं। आप चाहें तो अब फिर से उन्हें हटा सकते हैं। यह समझिए कि एक ग़लतफ़हमी के तहत मैंने उन्हें फिर से जोड़ दिया था। लेकिन एक बात और भी यह कहनी है कि सिर्फ़ शीर्षक हटा देने से वह पन्ना कोष में से गायब नहीं हो जाता। वह कविता कोश में सुरक्षित रहता है। बस, शीर्षक गायब हो जाता है। इसलिए उस पूरे पन्ने को हटाने की ज़रूरत होती है। लेकिन यह पन्ना हटाने का अधिकार अभी तक आपको नहीं दिया गया है। जब कोश की प्रशासक प्रतिष्ठा जी आपको यह अधिकार दे देंगी तो आप भी कोश में से कोई भी पन्ना हटा सकेंगे। शुभकामनाओं सहित सादर --अनिल जनविजय १४:३४, २० सितम्बर २००९ (UTC)

प्रिय भाई अटल जी के पूरे के पूरे संग्रहों को और उनकी कुछ कविताओं को इस कोश में नहीं जोड़ना अभी सम्भव नहीं है, क्योंकि वे पूरी तरह से राजनीतिक कविताएँ हैं। -अनिल

मैं अटल बिहारी वाजपेयी जी की के कुछ संग्रह और डा़लना चाहता हूँ। कैसे करूँ?

शिकायत उचित है। आगे से ध्यान रखूँगा।

प्रिय भाई! आपसे एक और शिकायत यह भी है कि आप जो कविताएँ जोड़ रहे हैं, वे नेट से लेकर जोड़ रहे हैं। लेकिन जब आप फ़ोन्ट परिवर्तक का उपयोग करते हैं तो वर्तनी की बहुत सारी ग़लतियाँ भी हो जाती हैं। कृपया इन ग़लतियों को रचना कोष में जोड़ने से पहले अवश्य सुधार दिया करें। अन्यथा कुछ ही दिनों में यह कोश कूड़ाघर दिखाई देने लगेगा। तरूण भटनागर की कविताओं में तो बेतहाशा ग़लतियाँ हैं। सादर अनिल जनविजय, १५ सितम्बर २००९

आदरणीय,

कविता कोश में आपका तेज़ी से बढ़ता हुआ योगदान सराहनीय है। कविता कोश को आप जैसे ही योगदानकर्ताओं की आवश्यकता है तभी हिन्दी काव्य के कोश को और विकसित करने का स्वप्न पूरा हो सकेगा। आप कौन हैं, क्या करते हैं और कहाँ रहते हैं -यह सब जानने की उत्सुकता है। आप यह जानकारी अपने सदस्य पन्नें पर लिख सकते हैं ताकि जिसे भी आपके बारे में जानने की उत्सुकता हो वह आपने पन्नें पर जा कर पढ़ सके। यदि हो सके तो अपना एक चित्र भी kavitakosh@gmail.com पर भेजें।

अपना योगदान इसी तरह बनाये रखें।

सादर

--सम्यक ११:०८, १३ सितम्बर २००९ (UTC)

चित्र अपलोड करने का अधिकार

आपके योगदान को देखते हुए आपको कविता कोश में चित्र अपलोड करने और पन्नों के नाम बदनें का अधिकार दिया जा रहा है। अब से आप यह दोनों कार्य कर सकेंगे। इन कार्यों को करने वाले योगदानकर्ताओं के समूह में आपका स्वागत है और इन कार्यों में हाथ बंटाने के लिये कोश आपका आभारी है।

सादर

--सम्यक २०:५५, १४ सितम्बर २००९ (UTC)

आदरणीय बन्धु, कृपया आप संग्रहों पर sort order न डालें इससे कविता संग्रह में प्रकाशित रचनाओं का क्रम बिगड़ता है और इस पर रचनाकार को ऐतराज़ होगा। आशा है कि आप मेरे इस सुझाव को अन्यथा नहीं लेंगे।--प्रकाश बादल २१:०३, १४ सितम्बर २००९ (UTC)

आदरणीय, आपके सुझाव का स्वागत है। परन्तु sort order डा़लने पर मुझे एक ही दॄष्टि में पता चल जाता है कि कौन सी कविता प्रकाशित नहीं हुई है। अतः कविता संग्रहों के अलावा बाकी के स्थानों पर तो मैं sort order डा़ल सकता हूँ ना।

बिल्कुल, संग्रहों के अलावा अन्य स्थानों पर आप sort order डाल सकते हैं लेकिन आप रचना के होने का पता नीले रंग से और न होने का पता लाल रंगे से भी तो लगा सकते हैं।लेकिन मान लीजिए यदि आप किसी लेखक की संग्रह सूचि पर ही सॉर्ट ऑर्डर लगा देते हैं तो भी वो उनके प्रकाशन के क्रम से हट कर वर्णमाला के क्रम पर आ जाते हैं जो उचित नहीं लगता। इस बारे में आप अधिक तकनीकी जानकारी सम्यक जी,ललित जी और प्रतिष्ठा जी से kavitakosh@gmail.com पर मेल करके भी जान सकते हैं। मैंने आपसे sort order न डालने का आग्रह इसलिए किया था ताकि जिस क्रम में रचना या संग़्रह प्रकाशित हुए हैं उसका क्रम ऊपर नीचे न हो। आप sort order न ही लगाएं तो ठीक रहेगा। आप कविता कोश को जिस तेज़ी से दे रहे हैं ज़ाहिर है उस गति से कविता कोश अपने लक्ष्य की ओर तीव्र गति से बढेगा। कविता कोश का सहयोगी सदस्य होने के नाते मैं आपके द्वारा कोश को दिये जा रहे योगदान के लिए आपका आभार प्रकट करता हूँ।

सादर ! --प्रकाश बादल ०५:५८, १५ सितम्बर २००९ (UT