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सदस्य वार्ता:Dr.bhawna

Kavita Kosh से
Dr.bhawna (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:14, 6 जनवरी 2009 का अवतरण

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आदरणीय डा० भावना जी!

विनम्र निवेदन यह है कि अब कविता-कोश ने एक और सुविधा अपने सभी सदस्यों के लिए उपलब्ध कराई है। वे सब लोग जो कविता-कोश में रचनाएँ जोड़ते हैं उन्हें अब दो कविता पंक्तियों के बीच < 'br' > का निशान लगाने या एक पंक्ति की जगह खाली छोड़ कर फिर अगली पंक्ति टाईप करने की ज़रूरत नहीं है। आप कविता की पहली पंक्ति टाईप करने से पहले '

' लिख दें और फिर सहज रूप से कविता की पंक्तियों में बिना कोई गैप दिए कविता टाईप कर दें। कविता की पंक्तियाँ स्वाभाविक रूप से अपने आप ही अलग-अलग दिखाई देंगी।
'चांद' और 'चाँद' में से कौन सी वर्तनी ठीक है? क्या आप ठीक वर्तनी चुन कर उसका नियम मुझे बता सकेंगी? मैं बेहद आभारी रहूंगा।
राजेश जोशी जैसे कवियों ने तो इस बारे में एक कविता भी लिखी है। उनका नया कविता-संग्रह भी आया है अभी -'चाँद की वर्तनी'।
लेकिन कविता से और कविता-संग्रह से न तो नियम ही बनता है और न इस तरह का कोई तर्क ही सामने आता है कि 'चाँद' क्यों ठीक है।
चांद अगर 'चाँद' लिखा जाएगा तो मांद, मंत्र, मंदिर, मंथरा, द्वंद, गंध, गंधर्व आदि में भी अनुनासिक या चन्द्रबिन्दु आना चाहिए। क्या हिन्दी व्याकरण के नियमों से चांद को 'चाँद' लिखना ठीक है?
नववर्ष की मंगलकामनाओं के साथ।
सादर
अनिल जनविजय

अनिल जी जानकारी के लिए धन्यवाद और चांद और चाँद वाली बात रामेश्ववर जी ने बहुत अच्छी तरह से लिखी है शायद अब मेरी आवश्यकता नहीं हैं मैं उसको ही यहाँ पेस्ट करती हूँ:


बन्धुवर अनिल जनविजय जी नमस्कार ! मंत्र ,मंदिर ,मंथरा ,द्वंद्व गंध बंधु , गंधर्व- में अनुस्वार प्रयुक्त हुआ है । अनुस्वार का अर्थ है स्वर के बाद में आने वाला ।संस्कृत में ये शब्द पंचम वर्ण का ध्यान रखते हुए इस प्रकार लिखे जाएँगे-मन्त्र ,मन्दिर ,मन्थरा द्वन्द्व ,गन्ध बन्धु ,गन्धर्व ;क्योंकि इन शब्दों में आए क्रमश: त् ,द् , थ् द् , ध् के वर्ग का पंचम वर्ण न् है । इसी तरह दंड ,प्रचंड ,वितंडा भी अपने पंचम वर्ण ण् के साथ (दण्ड ,प्रचण्ड , वितण्डा ) लिखे जाएँगे । इनका चन्द्र बिन्दु से कोई वास्ता नहीं । जो पंचम वर्ण के दायरे में नहीं आते ,जैसे - य र ल व श ष ह ; वहाँ अनुस्वार का ही प्रयोग होता है ,जैसे हंस ,वंश ,दंश ,संशय ,संयत सारांश आदि ।अनुनासिक के उच्चारण के समय हवा मुख और नाक दोनों से निकलती है। जब मात्रा शिरोरेखा के ऊपर लगती है तो अनुनासिक उच्चारण होने पर भी अनुस्वार ही लगाया जाता है ,यदि मात्रा शिरोरेखा के ऊपर नहीं है तो चन्द्रबिन्दु का प्रयोग होता है ,जैसे -हँसना ,धँसना बाँधना चाँद , माँद ,आँख ,पाँच आँच बाँचना ,जाँचना। टाइप राइटर के चलते यह अराजकता आई है ।कुछ लोग इस झमेले से बचना चाहते हैं और अनुस्वार से ही काम चला रहे हैं।उनका क्या किया जाए ? हंस और हँस (तद्भव) में तो अन्तर करना ही पड़ेगा ।
 

मैं तो बस थोड़ा सा ही समय निकाल पाती हूँ अपनी संस्कृति से जुड़े रहने का, हिन्दी के विद्वानों को तो आप जानते ही हैं, मेरा तो तुच्छ सा सफ़ल या असफल प्रयास मात्र रहता है, आभारी हूँ मार्ग दर्शन कराते रहियेगा।

आदरणीय भावना जी!
नहीं, बात मार्गदर्शन की नहीं है। मेरे जैसा व्यक्ति मार्गदर्शन कर भी नहीं सकता क्योंकि जो ख़ुद ही भाषा आधी-अधूरी जानता हो वो क्या मार्गदर्शन करेगा। लेकिन आप या रामेश्वर जी गांधी गंध, गंदा, गंदगी, गंगा, नंगा, दंगा आदि के बारे में भी बता दें तो कृतज्ञ रहूंगा।
दूसरी बात-- यह 'शिरोरेखा' क्या चीज़ है?
सादर
अनिल जनविजय

''भाई अनिल जी नमस्कार ! आपने यह बहुत अच्छा प्रश्न उठाया है -[ लेकिन आप या रामेश्वर जी गांधी गंध, गंदा, गंदगी, गंगा, नंगा, दंगा आदि के बारे में भी बता दें तो कृतज्ञ रहूंगा।
दूसरी बात-- यह 'शिरोरेखा' क्या चीज़ है? ] गाँधी जी इस तरह लिखे जाएँगे ।गंदा, गंदगी, नंगा, दंगा शब्द संस्कृत के तत्सम शब्द नहीं है। इन्हें ऐसे भी लिखा जा सकता । ङ् (पंचम वर्ण)का प्रचलन नंगा और दंगा के लिए उपयुक्त नहीं है ,गंगा में भले ही प्रयोग कर लें ;क्योंकि यह संस्कृत का शब्द है ।गन्दगी ,गन्दा इस प्रकार भी लिखे जा सकते है ।एन सी ई आर टी यही मानती है ।भारत सरकार की मानक हिन्दी वर्तनी तथा नागरी लिपि के दो पृष्ठ (12-13)संलग्न है।देवनागरी शिरोरेखा ( वर्ण के सिर पर लगाई जाने वाली रेखा) वाली भाषा है ,गुजराती नहीं । कि ,की,के कै, को ,कौ में मात्राए॥ण शिरोरेखा के ऊपर हैं।भैंस , मैं , नहीं में चन्द्र बिन्दु ( भैँस ,मैँ ,नहीँ )लगना चाहिए लेकिन प्रचलन में नहीं है ।सूँघना ,पाँच ,रचनाएँ में चन्द्र बिन्दु लगेगा ;क्योंकि इन शब्दों की मात्राएँ या स्वर (रचनाएँ में) शिरोरेखा से नीचे हैं ।
 एक बात और जानना चाहूँगा-गद्यकोश और कविताकोश में हम जो रचनाएँ स्वयं टाइप करके जोड़ते हैं ,इनमे तनिक संशोधन करके क्या मूल सामग्री जोड़ने वाले का नाम हटा दिया जाता है? कृपया अपना ईमेल भी दे दीजिएगा .

रामेश्वर