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सदस्य वार्ता:Pratishtha

16,124 bytes added, 12:13, 13 फ़रवरी 2010
aroma 12:13, 13 फरवरी 2010 (UTC)Pratishtha ji, thanks for the instructions by chatting. I tried to put my Punjaabi folk song, it came but not appeared in the Punjabi section. Kindly email the steps so that I could follow them/keep me remember. Thanks. Sharda Monga.== Problem reports list - #8707 ==
 
'''page par pura nahi dikh raha hai paribhraman rachnaye pade aane ke kaaran'''
 
प्रॉब्लम रिपॉर्ट क्या होती है, और सिसयोप इसे 'फ़िक्स' कैसे करते हैं मुझे ठीक-से नहीं मालूम। पर ऊपर ये जो किसी की दिक़्क़त लिखी है मुझे भी होती थी। होता ये था कि कविता के आगे डिब्बे आ जाते थे, और आपको लाइन के पहले शब्द दिखाई नहीं देते थे। मुझे आशंका है कि ये दिक़्क़त हज़ारों लोगों को, हमारे कोश से दूर ले जाती है। नज़ारा यूँ होता है, इस इमेज से आपके पन्ने में गड्डमड्ड हो गई है, बाद में मिटा दीजिएगा।
 
इसका दिक़्क़त का आपने क्या हल बताया है? मैं जानना चाहता हूँ।
 
वैसे मैंने दो सालों में इसके तीन हल निकाले हैं, जो बहतरी के क्रम से इस तरह है:
#अकाउंट बनाओ, और कोई क्वार्ट्ज़ वाली स्किन चुन लो। हमारे ऐडमिनिस्ट्रेटर ने मोनोबुक स्किन चुनी हुई है।
#प्रिंटेबल वर्ज़न से पढ़ो।
#टैक्स्ट को कॉपी करके नोटपैड में पेस्ट करके पढ़ो।
 
ये दिक़्क़त क्या सिर्फ़ इंटरनैट ऐक्सप्लोरर 6 में ही आती है? विकिपीडिया पर ऐसा कुछ लिखा था कि, आइ ई 6 पर विकिपीडिया सही से नहीं दिखती, फायरफोक्स, ओपेरा, और आइ ई 7, पर ये दिक्कत नहीं आती। कहाँ पढ़ा था, ये मैं आपको ढूंढ के बता दूँगा।
--[[सदस्य:Sumitkumar kataria|सुमितकुमार कटारिया]]([[सदस्य वार्ता:Sumitkumar kataria|वार्ता]]) १०:२९, २३ अप्रैल २००८ (UTC)
 
लीजिए, आपने अभी तक ये चिट्ठी पढ़ी नहीं होगी, कि एक और ऐसी दिक़्क़त आ गई:
'''Due to overlapping of Index (i.e. blue portion) poems are not legible fully.Pl correct it. Thanks''' (8756)
 
 
क्वार्ट्ज़ वाली स्किनों में से एक को, ऐडमिनिस्ट्रेटर (मतलब अपने ललित जी) द्वारा, डिफ़ॉल्ट स्किन बना देने पर, ऐसी दिक़्क़त नहीं होगी। मेरे हिसाब से तो यही हल है, बाक़ी आपका हल जानना चाहता हूँ।
--[[सदस्य:Sumitkumar kataria|सुमितकुमार कटारिया]]([[सदस्य वार्ता:Sumitkumar kataria|वार्ता]]) ०२:५८, २५ अप्रैल २००८ (UTC)
 
== ==
बिंदु और चंद्रबिंदु के नियम कोई पेचीदा नहीं हैं, मैंने ललित जी को चिट्ठी में वर्तनी मानक वाले पन्ने के जिस पुराने संस्करण का ज़िक्र किया था, उसके सही/ग़लत वाल सैक्शन देखिए, और हेमेंद्र जी के पन्ने पर जाइए, उस पर अनिल जी का जवाब पढ़िए। --[[सदस्य:Sumitkumar kataria|Sumitkumar kataria]] १६:२८, १४ अप्रैल २००८ (UTC)
== ==
मैंने जल्दबाज़ी में कोई कविता टाइप की, उसमें ग़लत शब्द टाँक दिए, उसके बाद उसे सही कर दिया, और ये सब थोड़ी सी कविताओं में ही। और इस ग़लती की वजह से मुझे कविताएँ जोड़ने के साथ-साथ प्रूफ़रीड का भी श्रेय दिया जा रहा तो ठीक है, मुझे कोई उज्र नहीं।
 
मैंने जो आपकी ग़लती निकाली है उसे सुधारने के लिए आपको तीव्र होने की बजाए लगन की ज़रूरत है, जिसकी आपमें कोई कमी नहीं। एक निशान को दूसरे निशान में बदलने के लिए कोई ऐसी कौन-सी ख़ास लियाकत चाहिए, पर ऐसा हज़ार बार करना पड़े, तो उसके लिए लगन चाहिए। हम सबको मिलकर इस चंद्रबिंदु को सुधारना होगा।
--[[सदस्य:Sumitkumar kataria|Sumitkumar kataria]] १३:२७, १४ अप्रैल २००८ (UTC)
== ==
नमस्कार प्रतिष्ठा,
--[[सदस्य:Sumitkumar kataria|Sumitkumar kataria]] ०२:३३, २३ फरवरी २००८ (UTC)
 
== 26 फ़रवरी को जो आपने अज्ञेय की कविताएँ बदली थी। ==
आपने साँचे डाल दिए, इसके अलावा भी एक काम है। '''सवेरे उठा तो धूप खिली थी / अज्ञेय''' ये कविता कितनी नावों में कितनी बार संग्रह में '''उधार / अज्ञेय''' के नाम से मौजूद है, और मेरे हिसाब से यही इसका सही शीर्षक है। इसके अलावा सूची में अज्ञेय की इन कविताओं के शीर्षकों में चंद्रबिंदु के इस्तेमाल में ग़लती है, जो कि दरअसल छापने वालों की है। तफ़सील के लिए आप [[सदस्य:Hemendrakumarrai|यहाँ]] और [[कविता कोश में वर्तनी के मानक]] वाले पन्ने पर जाइए। वर्तनी मानक वाले पन्ने के अनुस्वार और अनुनासिक के सैक्शन में मैंने इससे इतर एक नियम पर एक आपत्ति की थी, उसे शायद रिवर्ट कर दिया गया है, मैं उस नियम को वापस डालने के लिए ललित जी से बात करूँगा। ख़ैर, ये चंद्रबिंदु वाली ग़लती इतनी आम हो गई है कि इसे सही समझा जाने लगा है। आप इन तीन कविताओं को सही नामों पर मूव करके मूल पन्नों को मिटा दीजिए: '''आँगन के पार द्वार / अज्ञेय''', '''चाँदनी जी लो / अज्ञेय''',''' मैं ने देखा, एक बूँद / अज्ञेय''' । शीर्षक में हिज्जों की ग़लती हो तो दूसरे ऐडिटरों को मुश्किल हो जाती, कविता के अंदर की ग़लती तो आसानी से ठीक की जा सकती है।
 
और '''फ़ोकिस में औदिपौस / अज्ञेय‎''' इस में मैंने गड़बड़ की थी, इसे भी मिटा दीजिए, '''फ़ोकिस में ''ओदिपौस'' / अज्ञेय‎''' सही वाला पन्ना है जिसे ''औदिपौस'' को मूव करके बनाया था।
 
[[सदस्य वार्ता:Sumitkumar kataria|वार्ता]] --[[सदस्य:Sumitkumar kataria|Sumitkumar kataria]] ०९:१२, ९ अप्रैल २००८ (UTC)
 
== "अंधेरे में - अज्ञेय" की पंक्ति ==
 
नमस्ते प्रतिष्ठा जी
 
"अंधेरे में - अज्ञेय" की पंक्तिमें आपका परिवर्तन देखा | पिछला परिवर्तन "कन्धे पर हाथ रखा" से "कन्धे पर रक्खा हाथ" मेरे द्वारा किया गया था जिसे आपने पुनः वैसा ही कर दिया | यह परिवर्तन मैने प्रकाशित संस्करन (published edition or hard copy ) में से देख कर किया | प्रकाशित संस्करन में शब्दों की sequance इसी प्रकार दी गयी है | अतः अभी उसे पुनः वैसा ही कर रहा हूं | त्रुटि होने पर सूचित करें |
 
अमित
 
==भारत भूषण अग्रवाल==
 
प्रतिष्ठा जी!, नमस्कार!
भारत भूषण अग्रवाल में "भारत भूषण" ही ठीक है। लगता है, शुरू में उनका नाम ग़लत लिख दिया गया था। कृपया उसे हर जगह " "भारतभूषण" से बदल कर "भारत भूषण" कर दें।
 
सादर
अनिल जनविजय--[[सदस्य:अनिल जनविजय|अनिल जनविजय]] ०४:१६, ८ अक्टूबर २००८ (UTC)
 
==हरीशचन्द्र पाण्डे==
 
प्रतिष्ठा जी!
कवि हरीशचन्द्र पाण्डे के नाम में कृपया "हरीश चन्द्र" को आपस में जोड़ दें।
सादर--[[सदस्य:अनिल जनविजय|अनिल जनविजय]] ०४:३४, ८ अक्टूबर २००८ (UTC)
 
== कविता कोश में वार्तालाप ==
 
नमस्कार,
 
 
कविता कोश में सदस्यों के बीच वार्तालाप को सुचारु बनाने के उद्देशय से मैनें एक लेख लिखा है। कृपया इसे पढ़ें और इसके अनुसार कोश में उपलबध वार्तालाप सुविधाओं का प्रयोग करें। हो सकता है कि आप इन सुविधाओं का प्रयोग पहले से करते रहें हों -फिर भी आपको यह लेख पूरा पढ़ना चाहिये ताकि यदि आपको किसी सुविधा के बारे में पता नहं है या आप इन सुविधाओं का प्रयोग करने में कोई त्रुटि कर रहे हैं तो आपको उचित जानकारी मिल सके।
 
 
यह लेख ''[[सदस्य वार्ता और चौपाल का प्रयोग]]'' नाम से उपलब्ध है।
 
 
शुभाकांक्षी
 
--[[सदस्य:सम्यक|सम्यक]] १६:०६, २६ सितम्बर २००९ (UTC)
 
== एक रचना एक से अधिक संग्रहों में... ==
 
नमस्कार,
 
 
पिछले दिनों अमिताभ जी, श्रद्धा और धर्मेन्द्र कुमार को कविता कोश में रचनाएँ जोड़ते समय एक समस्या का सामना करना पड़ा था। यदि एक ही रचना किसी कवि के एक से अधिक संग्रहों में प्रकाशित हुई हो तो क्या उस रचना को हर संग्रह के लिये अलग-अलग टाइप करना चाहिये? इसका जवाब है "नहीं"...
 
 
आज मैनें KKRachna टैम्प्लेट के कोड में कुछ बदलाव किये हैं। इससे अब आप किसी भी रचना को एक से अधिक संग्रहों का हिस्सा बता सकते हैं। इसके लिये आपको संग्रहों के नामों को सेमी-कोलन (;) से अलग करना होगा। उदाहरण के लिये:
 
 
 
<nowiki>{{KKRachna</nowiki>
<nowiki>|रचनाकार=सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"</nowiki>
<nowiki>|संग्रह=परिमल / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला";अनामिका / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"</nowiki>
<nowiki>}}</nowiki>
 
 
इस उदाहरण में रचना को 2 संग्रहों (''परिमल / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"'' और ''अनामिका / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"'') का हिस्सा बताया गया है। ध्यान दीजिये कि दोनों संग्रहों के नाम सेमी-कोलन (;) से अलग किये गये हैं। इस तरह ज़रूरत पड़ने पर आप किसी रचना को कितने भी संग्रहों का हिस्सा बता सकते हैं।
 
 
इस सुविधा का प्रयोग होते हुए आप यहाँ देख सकते हैं: [[मित्र के प्रति / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"]]
 
 
आशा है आपको यह सुविधा उपयोगी लगेगी।
 
 
सादर
 
 
'''--[[सदस्य:सम्यक|सम्यक]] २१:३५, १९ अक्टूबर २००९ (UTC)'''
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