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सन्ध्या ने मेघों के कितने चित्र बनाए / त्रिलोचन

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सन्ध्या ने मेघों के कितने चित्र बनाए--

हाथी, घोड़े, पेड़, आदमी, जंगल, क्या - क्या

नहीं रच दिया और कभी रंगों से क्रीड़ा

की, आकृतियाँ नहीं बनायीं । कभी चलाए

झीने से बादल जिन में चटकीली लाली

उभर उठी थी, जिन की आभा हरियाली पर

थिरक उठी थी । जाते - जाते क्षितिज - पटी पर

सूरज ने सोना बरसाया । छाया काली

बढ़ने लगी, रंग धीरे - धीरे फिर बदले,

पेंसिल के रेखा - चित्रों से बादल छाए ।

विविध रूप आकार बदलते से, ज्यों न्हाए

हुए प्रकाश और छाया में, अपना पद ले ।

रात उतर आयी, दिखलायी दिये सितारे,

पेड़, गाँव अस्पष्ट दिखे, मानव-दृग हारे ।