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सन ऑफ़ इंडिया / नन्हा मुन्ना राही हूँ

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रचनाकार: शकील् बदयुनि                 

नन्हा मुन्ना राही हूँ, देश का सिपाही हूँ
बोलो मेरे संग, जय हिन्द्, जय हिन्द्, जय हिन्द्

रस्ते पे चलूंगा न डर-डर के
चाहे मुझे जीना पडे मर-मर के
मंजिल से पहले ना लूंगा कहीं दम्
आगे ही आगे बढाउंगा कदम्
दाहिने बाएं दाहिने बाएं, थम्!
नन्हा मुन्ना राही हूँ, देश का सिपाही हूँ
बोलो मेरे संग, जय हिन्द्, जय हिन्द्, जय हिन्द्

धूप् मे पसीना बहाउंगा जहाँ
हरे-भरे खेत लहराएगें वहाँ
धरती पे फाके न पाएगें जनम
आगे ही आगे बढाउंगा कदम्
दाहिने बाएं दाहिने बाएं, थम्!
नन्हा मुन्ना राही हूँ, देश का सिपाही हूँ
बोलो मेरे संग, जय हिन्द्, जय हिन्द्, जय हिन्द्

नया है जमाना मेरी नई है डगर
देश को बनाउंगा मशीनों का नगर
भारत किसी से न रहेगा कम
आगे ही आगे बढाउंगा कदम्
दाहिने बाएं दाहिने बाएं, थम्!
नन्हा मुन्ना राही हूँ, देश का सिपाही हूँ
बोलो मेरे संग, जय हिन्द्, जय हिन्द्, जय हिन्द्

बडा हो के देश का सितारा बनूंगा
दुनिया की आँखो का तारा बनूंगा
रखूंगा उंचा तिरंगा हरदम
आगे ही आगे बढाउंगा कदम्
दाहिने बाएं दाहिने बाएं, थम्!
नन्हा मुन्ना राही हूँ, देश का सिपाही हूँ
बोलो मेरे संग, जय हिन्द्, जय हिन्द्, जय हिन्द्

शान्ति की नगरी है मेरा ये वतन्
सबको सिखाउंगा प्यार का चलन
दुनिया मे गिरने न दुंगा कहीं बम्
आगे ही आगे बढाउंगा कदम्
दाहिने बाएं दाहिने बाएं, थम्!
नन्हा मुन्ना राही हूँ, देश का सिपाही हूँ
बोलो मेरे संग, जय हिन्द्, जय हिन्द्, जय हिन्द्