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"सबसे बडा विधान / शीलेन्द्र कुमार सिंह चौहान" के अवतरणों में अंतर

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राशन कार्ड बँटे घर घर पर  
 
राशन कार्ड बँटे घर घर पर  
बँटे न शक्कर तेल,  
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बटा न शक्कर तेल,  
बड़े बडौआ खेल रहे हैं  
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बड़े बड़ोउवा खेल रहे हैं  
 
खुला ब्लैक का खेल,  
 
खुला ब्लैक का खेल,  
 
पक्के घर वालों ने पाया  
 
पक्के घर वालों ने पाया  

21:48, 28 फ़रवरी 2012 का अवतरण

सबसे बडा विधान

जिसकी लाठी भैंस उसी की
सबसे बड़ा विधान

कहने के तो गाँव सभा का
है ‘पुतरैहा’ ताल,
पर पंचों ने मिलकर डाला
उसमें मछली जाल,
‘होरी’ की बरिया के सूखे
बिन पानी सब धान।

राशन कार्ड बँटे घर घर पर
बटा न शक्कर तेल,
बड़े बड़ोउवा खेल रहे हैं
खुला ब्लैक का खेल,
पक्के घर वालों ने पाया
राहत का अनुदान।

ककड़ीचोर बन्द थाने में
दफा लगीं दस बीस,
मूँछों वाले घूम रहे हैं
कतल किये पच्चीस,
ऊसर बंजर, चरागाह पर
कब्जा किये प्रधान
 
जिसकी लाठी भैंस उसी की
सबसे बड़ा विधान