भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

समकालीन / गोरख पाण्डेय

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज


कहीं चीख उठी है अभी

कहीं नाच शुरू हुआ है अभी

कहीं बच्चा हुआ है अभी

कहीं फ़ौजें चल पड़ी हैं अभी ।


(रचनाकाल : 1981)