भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"समेट ली किरण कठिन दिनेश ने / हरिवंशराय बच्चन" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=हरिवंशराय बच्चन }} समेट ली किरण कठिन दिनेश ने] स...) |
|||
पंक्ति 5: | पंक्ति 5: | ||
− | समेट ली किरण कठिन दिनेश ने | + | समेट ली किरण कठिन दिनेश ने, |
सभा बादल दिया तिमिर-प्रवेश ने, | सभा बादल दिया तिमिर-प्रवेश ने, |
00:43, 9 जून 2009 का अवतरण
समेट ली किरण कठिन दिनेश ने,
सभा बादल दिया तिमिर-प्रवेश ने,
सिंगार कर लिया गगन प्रदेश ने;
---नटी निशीथ
का पुलक
उठा हिया!
समीर कह चला कि प्यार का प्रहरे,
मिली भुजा-भुजा, मिले अधर-अधर,
प्रणय प्रसून गया सेज पर गया बिखर;
निशा सभीत
ने कहा कि क्या किया!
अशंक शुक्र पूर्व में पुवा हया,
क्षितिज अरुण प्रकाश से छुआ हुआ,
समीर है कि सृष्टिकार की दुआ;
निशा बिनीत
ने कहा कि
शुक्रिया!