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किसका नारा, कैसा कौल, अल्लाह बोल
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फूले कदम्ब
 
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रचनाकार: [[राहत इन्दौरी]]
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रचनाकार: [[नागार्जुन]]
 
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किसका नारा, कैसा कौल, अल्लाह बोल
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फूले कदम्ब
अभी बदलता है माहौल, अल्लाह बोल
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टहनी-टहनी में कन्दुक सम झूले कदम्ब
 
+
फूले कदम्ब
कैसे साथी, कैसे यार, सब मक्कार
+
सावन बीता
सबकी नीयत डाँवाडोल, अल्लाह बोल
+
बादल का कोप नहीं रीता
 
+
जाने कब से वो बरस रहा
जैसा गाहक, वैसा माल, देकर ताल
+
ललचाई आँखों से नाहक
कागज़ में अंगारे तोल, अल्लाह बोल
+
जाने कब से तू तरस रहा
 
+
मन कहता है छू ले कदम्ब
हर पत्थर के सामने रख दे आइना
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फूले कदम्ब
नोच ले हर चेहरे का खोल, अल्लाह बोल
+
झूले कदम्ब
 
+
दलालों से नाता तोड़, सबको छोड़
+
भेज कमीनों पर लाहौल, अल्लाह बोल
+
 
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इन्सानों से इन्सानों तक एक सदा
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क्या तातारी, क्या मंगोल, अल्लाह बोल
+
 
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शाख-ए-सहर पे महके फूल अज़ानों के
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फेंक रजाई, आँखें खोल, अल्लाह बोल
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02:12, 5 मई 2013 का अवतरण

फूले कदम्ब

रचनाकार: नागार्जुन

फूले कदम्ब
टहनी-टहनी में कन्दुक सम झूले कदम्ब
फूले कदम्ब
सावन बीता
बादल का कोप नहीं रीता
जाने कब से वो बरस रहा
ललचाई आँखों से नाहक
जाने कब से तू तरस रहा
मन कहता है छू ले कदम्ब
फूले कदम्ब
झूले कदम्ब