भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

साँचा:KKPoemOfTheWeek

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
Lotus-48x48.png
सप्ताह की कविता
आज 28 जुलाई को आदरणीय श्री अनिल जनविजय जी का जन्मदिवस है उनके शतायु होने की कामना के साथ प्रस्तुत है उनकी कविता शीर्षक : *नया वर्ष* रचनाकार: अनिल जनविजय
नया वर्ष
संगीत की बहती नदी हो
गेहूँ की बाली दूध से भरी हो
अमरूद की टहनी फूलों से लदी हो
खेलते हुए बच्चों की किलकारी हो नया वर्ष

नया वर्ष
सुबह का उगता सूरज हो
हर्षोल्लास में चहकता पाखी
नन्हे बच्चों की पाठशाला हो
निराला-नागार्जुन की कविता

नया वर्ष
चकनाचूर होता हिमखंड हो
धरती पर जीवन अनंत हो
रक्तस्नात भीषण दिनों के बाद
हर कोंपल, हर कली पर छाया वसंत हो

(रचनाकाल : 1995)