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"सूनी सँझा, झाँके चाँद / नरेश सक्सेना" के अवतरणों में अंतर

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सूनी सँझा, झाँके चाँद
 
सूनी सँझा, झाँके चाँद
 
मुँडेर पकड़ कर आँगना
 
मुँडेर पकड़ कर आँगना
हमें, कसम से, नहीं सुहाता-
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हमें, कसम से, नहीं सुहाता
 
रात-रात भर जागना ।
 
रात-रात भर जागना ।
  
 
रह-रह हवा सनाका मारे
 
रह-रह हवा सनाका मारे
 
यहाँ-वहाँ से बदन उघारे
 
यहाँ-वहाँ से बदन उघारे
पिछवारे का पीपल जाने-
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पिछवारे का पीपल जाने
 
कैसे-कैसे वचन उचारे
 
कैसे-कैसे वचन उचारे
जाने कब तक नीम पड़ेगा-
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जाने कब तक नीम पड़ेगा
 
'घी मिसरी' में पागना ।
 
'घी मिसरी' में पागना ।
  
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ऐसे मौसम तुम बाहर हो
 
ऐसे मौसम तुम बाहर हो
 
आँगन टपके परी निबौरी
 
आँगन टपके परी निबौरी
जैसे हैम अपने, वैसे हों-
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जैसे हैं अपने, वैसे हों
दुश्मन के भी भागना
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दुश्मन के भी भाग ना
 
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हमें, कसम से, नहीं सुहाता-
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हमें, कसम से, नहीं सुहाता
 
रात-रात भर जागना ।
 
रात-रात भर जागना ।
 
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17:19, 28 फ़रवरी 2021 के समय का अवतरण

सूनी सँझा, झाँके चाँद
मुँडेर पकड़ कर आँगना
हमें, कसम से, नहीं सुहाता —
रात-रात भर जागना ।

रह-रह हवा सनाका मारे
यहाँ-वहाँ से बदन उघारे
पिछवारे का पीपल जाने —
कैसे-कैसे वचन उचारे

जाने कब तक नीम पड़ेगा —
'घी मिसरी' में पागना ।

कैसे मन की करूँ चिरौरी
खाली-खाली बाखर-पौरी
ऐसे मौसम तुम बाहर हो
आँगन टपके परी निबौरी
जैसे हैं अपने, वैसे हों —
दुश्मन के भी भाग ना ।
 
हमें, कसम से, नहीं सुहाता —
रात-रात भर जागना ।