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"सूरज हुआ है पस्त ये मौसम तो देखिए / 'सज्जन' धर्मेन्द्र" के अवतरणों में अंतर
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सब हो गए हैं ध्वस्त ये मौसम तो देखिए। | सब हो गए हैं ध्वस्त ये मौसम तो देखिए। | ||
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तारे हुए हैं अस्त ये मौसम तो देखिए। | तारे हुए हैं अस्त ये मौसम तो देखिए। | ||
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17:11, 24 फ़रवरी 2024 के समय का अवतरण
सूरज हुआ है पस्त ये मौसम तो देखिए।
बादल हुए हैं मस्त ये मौसम तो देखिए।
काग़ज़ गया है फूल सियाही बिखर गई,
निब की हुई शिकस्त ये मौसम तो देखिए।
सूरज नहीं दिखा तो घने बादलों को सब,
जोड़े हैं आज हस्त ये मौसम तो देखिए।
गंगा की शुद्धता हो या मिट्टी का ठोसपन,
सब हो गए हैं ध्वस्त ये मौसम तो देखिए।
यूँ बादलों से हो गई जुगनू की साठ-गाँठ,
तारे हुए हैं अस्त ये मौसम तो देखिए।