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सौन्दर्य लहरी / पृष्ठ - ५ / आदि शंकराचार्य

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तवाधारे मूले सह समयया लास्यपरया ।
नवात्मानं मन्ये नवरस महाताण्डव नटम् ॥
उभाभ्यामेताभ्यामुदय विधिमुद्दिश्य दयया ।
सनाथाभ्यां जज्ञेजनक जननीमज्जगदिदम् ॥४१॥