भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

स्वप्न में — 11-12 / रॉबर्तो बोलान्यो / उदय शंकर

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:36, 6 जनवरी 2018 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

11.

सपने में
मैं सपना देख रहा था
एक स्वप्न-सुरँग में
रॉक डाल्टन<ref>बीसवीं सदी में सल्वाडोर में छापामार जनक्रान्ति सेना के संगठनकर्ता, कम्युनिस्ट और सल्वाडोर के एक कवि</ref> के सपने से मेरी भिड़न्त हो गई
एक बहादुर का स्वप्न
जो एक कमबख़्त सपने के लिए मर गया

12.

सपने में
मैं अठारह साल का था
उसी समय मैंने
अपने सबसे प्रिय दोस्त को
वाल्ट व्हिटमैन<ref>उन्नीसवीं सदी के प्रसिद्ध अमरीकी कवि</ref> के साथ रतिरत् देखा
चिविदवेक्या<ref>इटली के एक मुख्य प्रदेश लाज़िओ में रोम का एक महानगर और एक बड़ा समुद्री बन्दरगाह</ref> की तूफ़ानी शाम के बारे में सोचते हुए
उन्होंने इस रतिकर्म को आरामकुर्सी पर अँजाम दिया
वह भी अठारह साल का था

अँग्रेज़ी से अनुवाद : उदय शंकर

शब्दार्थ
<references/>