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"हजार बार हार हो तो हो रहे तो हो रहे / 'सज्जन' धर्मेन्द्र" के अवतरणों में अंतर
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सपाट गर लिलार हो तो हो रहे तो हो रहे। | सपाट गर लिलार हो तो हो रहे तो हो रहे। | ||
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घना जो अंधकार हो, तो हो रहे, तो हो रहे। | घना जो अंधकार हो, तो हो रहे, तो हो रहे। | ||
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कोई युगावतार हो तो हो रहे तो हो रहे। | कोई युगावतार हो तो हो रहे तो हो रहे। | ||
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भविष्य में तुषार हो तो हो रहे तो हो रहे। | भविष्य में तुषार हो तो हो रहे तो हो रहे। | ||
विजय समय की बात है जो मित्र मेरे साथ हों, | विजय समय की बात है जो मित्र मेरे साथ हों, | ||
− | + | रक़ीब होशियार हो तो हो रहे तो हो रहे। | |
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12:47, 26 फ़रवरी 2024 के समय का अवतरण
हजार बार हार हो तो हो रहे तो हो रहे।
सपाट गर लिलार हो तो हो रहे तो हो रहे।
बस एक दीप चाहिए बना रहे जो राहबर,
घना जो अंधकार हो, तो हो रहे, तो हो रहे।
बहू तो लाइए जरा, सुनेगा फिर न आपकी,
सपूत होनहार हो तो हो रहे तो हो रहे।
न आँख मूँद कर कभी किसी को मानिए ख़ुदा,
कोई युगावतार हो तो हो रहे तो हो रहे।
लगाइए निराइए जहाँ में फ़स्ल प्यार की,
भविष्य में तुषार हो तो हो रहे तो हो रहे।
विजय समय की बात है जो मित्र मेरे साथ हों,
रक़ीब होशियार हो तो हो रहे तो हो रहे।