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"हर रास्ते की मंज़िल है / सोलोमन ओचवो-ओबुरु / राजेश चन्द्र" के अवतरणों में अंतर
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10:27, 28 अक्टूबर 2019 के समय का अवतरण
हर रास्ता
कहीं तो
पहुँचता ही है
आज नहीं
तो कल
यह होगा ज़रूर
वे जो
अपने रास्तों में
सोए पड़े हैं
उनके लिए
कोई भी रास्ता
नहीं पहुँचता कहीं
मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : राजेश चन्द्र
लीजिए, अब मूल अँग्रेज़ी में यह कविता पढ़िए
Solomon Ochwo-Oburu
Every way has an end
every way
has
an end
today,
tomorrow
it comes
for those
asleep on their way
there is
no end of any way