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हाइकु-1 / सुधा गुप्ता

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1
आकाश बोला-
‘कोई एक बादल
गोद तो भरे ।’
2
मिट्टी का घड़ा
बूँद-बूँद रिसता
लो खाली हुआ ।
3
चाँदनी- पेड़
सफ़ेद फूलों-भरा
जगमगाए ।
4
हाँफ़ रही है
निढ़ाल दोपहरी
पेड़ों के तले ।
5
भाग्य की बात
दो पैसे की टिकुली
जा चढ़ी माथ ।
6
फूलों से लदा
भूला होशो -हवास
अमलतास ।