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हिन्दी काव्य छंद

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''गुरू मात्राएँ'' – उन मात्राओं को कहते हैं जिनके उच्चारण में लघु मात्राओं की अपेक्षा दुगुना अथवा तिगुना समय लगता हैं। जैसे – ई¸ ऊ¸ ए¸ ऐ¸ ओ¸ औ की मात्रायें।<br><br>
''लघु वर्ण'' – हृस्व स्वर और उसकी मात्रा से युक्त व्यंजन वर्ण को 'लघु वर्ण' माना जाता है¸ उसका चिन्ह चिह्न एक सीधी पाई(।) मानी जाती है।<br>
''गुरू वर्ण'' – दीर्घ स्वर और उसकी मात्रा से युक्त व्यञ्जन वर्ण को 'गुरू वर्ण' माना जाता है। इसकी दो मात्रायें गिनी जाती है। इसका चिह्न (|) यह माना जाता है।<br><br>