"हुस्न ग़म्ज़े की कशाकश से छुटा मेरे बाद / ग़ालिब" के अवतरणों में अंतर
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− | हुस्न ग़म्ज़े की कशाकश से छुटा मेरे बाद | + | हुस्न ग़म्ज़े<ref>नाज़ और अदा</ref> की कशाकश<ref>प्रयास</ref> से छुटा मेरे बाद |
− | बारे आराम से है अहले-जफ़ा मेरे बाद | + | बारे आराम से है अहले-जफ़ा<ref>अत्याचारी</ref> मेरे बाद |
मंसब-ए-शेफ़्तगी के कोई क़ाबिल न रहा | मंसब-ए-शेफ़्तगी के कोई क़ाबिल न रहा | ||
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शोला-ए-इश्क़ सियहपोश हुआ मेरे बाद | शोला-ए-इश्क़ सियहपोश हुआ मेरे बाद | ||
− | ख़ूँ है दिल ख़ाक में अहवाल-ए- | + | ख़ूँ है दिल ख़ाक में अहवाल-ए-बुतां पर, यानी |
उनके नाख़ुन हुए मोहताज-ए-हिना मेरे बाद | उनके नाख़ुन हुए मोहताज-ए-हिना मेरे बाद | ||
− | दरख़ुर-ए-अर्ज़ नहीं जौहर-ए-बेदाद को जा | + | दरख़ुर-ए-अर्ज़ नहीं, जौहर-ए-बेदाद को जा |
निगह-ए-नाज़ है सुर्मे से ख़फ़ा मेरे बाद | निगह-ए-नाज़ है सुर्मे से ख़फ़ा मेरे बाद | ||
− | है | + | है जुनूं, अहले-जुनूं के लिये आग़ोश-ए-विदा |
− | चाक़ होता है | + | चाक़ होता है गिरेबां से जुदा मेरे बाद |
− | कौन होता है हरीफ़-ए-मए-मर्द- | + | कौन होता है हरीफ़-ए-मए-मर्द-अफ़गन-ए-इश्क़ |
है मुकर्रर लब-ए-साक़ी पे सला मेरे बाद | है मुकर्रर लब-ए-साक़ी पे सला मेरे बाद | ||
− | ग़म से मरता हूँ | + | ग़म से मरता हूँ, कि इतना नहीं दुनिया में कोई |
− | + | कि करे ताज़ियत-ए-मेहर-ओ-वफ़ा मेरे बाद | |
आये है बेकसी-ए-इश्क़ पे रोना 'ग़ालिब' | आये है बेकसी-ए-इश्क़ पे रोना 'ग़ालिब' |
09:44, 2 मार्च 2010 का अवतरण
हुस्न ग़म्ज़े<ref>नाज़ और अदा</ref> की कशाकश<ref>प्रयास</ref> से छुटा मेरे बाद
बारे आराम से है अहले-जफ़ा<ref>अत्याचारी</ref> मेरे बाद
मंसब-ए-शेफ़्तगी के कोई क़ाबिल न रहा
हुई म'अज़ूली-ए-अंदाज़-ओ-अदा मेरे बाद
शम'अ बुझती है तो उस में से धुआँ उठता है
शोला-ए-इश्क़ सियहपोश हुआ मेरे बाद
ख़ूँ है दिल ख़ाक में अहवाल-ए-बुतां पर, यानी
उनके नाख़ुन हुए मोहताज-ए-हिना मेरे बाद
दरख़ुर-ए-अर्ज़ नहीं, जौहर-ए-बेदाद को जा
निगह-ए-नाज़ है सुर्मे से ख़फ़ा मेरे बाद
है जुनूं, अहले-जुनूं के लिये आग़ोश-ए-विदा
चाक़ होता है गिरेबां से जुदा मेरे बाद
कौन होता है हरीफ़-ए-मए-मर्द-अफ़गन-ए-इश्क़
है मुकर्रर लब-ए-साक़ी पे सला मेरे बाद
ग़म से मरता हूँ, कि इतना नहीं दुनिया में कोई
कि करे ताज़ियत-ए-मेहर-ओ-वफ़ा मेरे बाद
आये है बेकसी-ए-इश्क़ पे रोना 'ग़ालिब'
किसके घर जायेगा सैलाब-ए-बला मेरे बाद