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आत्मन् के गाए कुछ गीत (सोना) / प्रकाश
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बहुत समय बाद एक समय थककर
आत्मन् सो गया
सोने में पूरा डूबकर वह अपने में बुदबुदाया-
यह शराब कुछ ठीक नहीं...
कि उसकी नींद के तल से सिर उठाकर
एक सजग रोशनी बोली-
यह तुम्हारी वही पुरानी होश की शराब है !