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ए दूरका सितारा / किरण खरेल

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ए दूरका सितारा मेरो चाँदनी कहाँ छ

आँधिमा परेको यो दीप हुँ दियोको
सम्झेर यो पृथ्वी जो छैन मिलन झर्को
ए दीप हो अध्याँरा भन रोशनी कहाँ छ
मेरो चाँदनी कहाँ छ

लाली सबै गएको त्यो फूल हुँ फूलेको
पर्खेर त्यो वसन्त जो छैन लौ झरेको
ए फूल हो टुहुरा भन मालिनी कहाँ छ
मेरो चाँदनी कहाँ छ