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एक दार्शनिक और एक कवि / अलित्सिया कुबेर्स्का / पंखुरी सिन्हा

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वो मिले स्वर्ग और धरती के बीच
एक ऐसी जगह जहाँ समय
बातें, कथ्य, तत्व, सब हो जाते हैं
अर्थहीन, अमूर्तता के किसी ऊँचे स्तर पर, उन्होने पार की असल दुनिया की
मुश्किलें, सुलझाईं उलझनें !

वह लेकर आया एक सफ़ेद कैनवास
और दार्शनिक फ़लसफ़े
वह ख़रीद लाई रंगने के लिए तूलिकाएँ और मुट्ठी-भर सपने
शब्दों में
 
तस्वीर को रंगा उन्होंने
कितने तरहों के नीले रंग से
नीले के हलके गहरे को आज़माते
उन्होंने उड़ेले अपने ख़याल
भावनाएँ अपनी, एक दूसरे के भीतर !

बहुत गहरी नीली लकीर से
लड़के ने बनाई एक रूपरेखा
ज़िन्दगी की !
लड़की ने पृष्ठभूमि को भरा कोमल आसमानी रंग से
चलाकर कूचियाँ साथ-साथ
उन्होनें जोड़े कुछ रंगो के बिन्दु
आश्चर्य भरे !

लड़के की आँखे
हेज़ल हरी नीली हैं और
लड़की की पूरी हरी !

अँग्रेज़ी से अनुवाद : पंखुरी सिन्हा