भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
कुछ तो भूल रहा हूँ (छत पर प्रकाश) / शेल सिल्वरस्टीन / नीता पोरवाल
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 04:53, 5 अप्रैल 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शेल सिल्वरस्टीन |अनुवादक=नीता पो...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
मुझे याद है
मैने अपने मोज़े पहन लिए थे
मुझे याद है
कि मैने जूते पहन लिए थे
मुझे याद है
मैने टाई भी पहन ली थी
जो छींटदार थी
ख़ूबसूरत बैजनी और नीली
मुझे याद है कि
मैने पहन लिया था अपना कोट
जिससे नाचते समय
मैं दिख सकूँ सजीला
फिर भी
मुझे लगता है कि कुछ तो है
जिसे मैं भूल रहा हूँ –
वह है क्या?
क्या है वह?
मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : नीता पोरवाल