भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

खोयापन / गिरधर राठी

Kavita Kosh से
Pratishtha (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 02:35, 24 जून 2009 का अवतरण (खोयापन / गिरिधर राठी का नाम बदलकर खोयापन / गिरधर राठी कर दिया गया है)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

आँखों के आगे रखी हुई

वह माचिस

खोजने पर मिलती नहीं

गोया सरे-आम छिपी रहने को व्यग्र

बेरुख़ और गुमसुम...


इस तरह हम जानते हैं कि चीज़ों का खो जाना

और उन का खोयापन

दरअसल दो अलग-अलग चीज़ें हैं


यह न तो सिर्फ़ हमारी नज़रों का धोखा है

न ही हमारे अपने खोए-

खोएपन का नतीजा