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चम्मू चीटा शाला पहुँचे / प्रभुदयाल श्रीवास्तव

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चम्मू चीटा चड्डी पहने,
पढ़ने पहुँचे शाला।
चड्डी तो थी नई-नई पर,
नाड़ा ढीला ढाला।

खेल-खेल में चड्डी उतरी,
चम्मू जी शरमाये।
दोस्त सभी उनकी कक्षा के,
शेम-शेम चिल्लाये।

घर आकर रोकर चम्मू ने
माँ को हाल सुनाया।
बेटे की हालत देखी तो,
माँ का दिल भर आया।

अब तो उसकी अम्मा उसको,
हाफ पेंट पहनाती।
और कमर में चमड़े वाला,
मोटा बेल्ट लगाती।