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चेहरे का चेहरा / येव्गेनी येव्तुशेंको

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कहाँ है वह चेहरे का चेहरा ?
ज़रूरी है यह जानना
ताकि दूसरों के बीच
हम पहचान सकें अपना चेहरा ।

अक्‍सर लोग यह नहीं जानते
कि कैसा है उनका अपना 'मैं'
हर कोई अपने आपका
बना फिरता है वकील ।

कंजूस सोचता है कि वह उदार है
बुद्धिमान समझता है अपने को मूर्ख ।
कभी ईश्‍वर कहता है -- मैं कीड़ा हूँ
और कीड़ा कहता है -- ईश्‍वर हूँ मैं ।

गर्व के साथ बाहर निकलता है कीड़ा,
डरपोक चिल्‍लाने लगता है -- मैं बहादुर हूँ,
सिर्फ़ आज़ाद इन्सान कहता है अपने बारे में :
मैं तो ग़ुलाम हूँ ।