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जब तुम पानी देखते हो / एलिस वॉकर / उज्ज्वल भट्टाचार्य
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जब तुम सोते में पानी देखते हो
कहते हो : ओह, यह सोते का
पानी है;
जब तुम नदी में पानी देखते हो
कहते हो : ओह, यह
नदी का पानी है;
जब तुम समुद्र का
पानी देखते हो
कहते हो : यह तो
समुद्र का पानी है !
लेकिन दरअसल पानी हमेशा
ख़ुद ही होता है
और वह
इन पात्रों का नहीं होता,
हालाँकि वह उन्हें बनाता है ।
इसी तरह
तुम भी हो ।
मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : उज्ज्वल भट्टाचार्य