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जहाँ नहीं गया हूँ मैं / नरेश अग्रवाल
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जहां नहीं गया हूं मैं
उन जगहों की तस्वीर भी मुझे प्रिय
वहां का जीवन मेरे प्राणों तक उतर आता है
उपलब्धियों से भरी यह दुनिया
और सबसे बड़ी उपलब्धि
कहीं भी तुरंत पहुंच जाना।
फिर उन जगहों को गले लगाने में देर क्यों ?
लेकिन सारी हलचलों में से
सिर्फ एक को विराम देना होता है
यही होता है हमारा निर्णय-
किस जगह पर जाना है हमें?
वह भी इतनी कठिनाई भरी जिंदगी को छोडक़र।