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ज़रा-सी अलग है कहानी हमारी / सुजीत कुमार 'पप्पू'
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ज़रा-सी अलग है कहानी हमारी,
न पूछो सुरूर-ए-रवानी हमारी।
नशीली नज़र है नशा बेअसर है,
बड़ी ख़ूब है वह दीवानी हमारी।
अगर मुस्कुरा दे कहर टूट जाए,
चमन भी लुभाए निशानी हमारी।
अदाएँ गज़ब है सदा भी अजब है,
सुनों हाल उसका ज़ुबानी हमारी।
दिलों-जां में मेरे समाई हुई है,
परी-सी है सपनों की रानी हमारी।