भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

टी० वी० का ज्ञान / शास्त्री नित्यगोपाल कटारे

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:48, 26 सितम्बर 2010 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

एकमात्र ही शेष बची है मर्दों की पहचान।
जो सरटेक्स कम्पनी के पहिने चड्डी बनियान।।
                      ये है टी०वी० का ज्ञान।।

नये एरियल डिटर्जेन्ट से जो कपड़े धोता है
मेकेनिक से इंजीनियर वहीं तुरन्त होता है
ठंडे का मतलब केवल कोका कोला होता है
जो अन्दर फ़िट होता है बाहर भी हिट होता है
जो जितने कम कपड़े पहिने विश्वसुन्दरी मान।।
                      ये है टी०वी० का ज्ञान।।

आज समूचा भारत पेप्सी पीकर ही जीता है
पहले तो इंसान मगर अब चीता भी पीता है्
तीस रुपल्ली में आज़ादी मिलती इतनी सस्ती
गुटका खाकर बुड्ढा भी करने लगता मस्ती
वृक्ष लगा उतरो पड़ोस की छत पर सीना तान।।
                      ये है टी०वी० का ज्ञान।।

कठिन पुरानी योगक्रिया के चक्कर में मत पड़िए
ले एक्शन के शूज़ पहनिए रोज़ हवा में उड़िए
दीवारों पर कभी भूलकर चूना मत वापरिए
लड़की की शादी करनी हो विरला व्हाइट करिए
पच्चीस नाइन्टी नाइन लेकर बनिए इंसान।
                     ये है टी०वी० का ज्ञान।।

कोई कम्पनी गोविन्दा को बेहूदा नचवाती
कान पकड़कर बिग बी बच्चन को बैठक लगवाती
चाकलेट में हीरोइन कपड़े उतार देती है
गुटका खाओ तो कोई लड़की पीछे हो लेती है
बुद्धिमान तो खाए चवाजा बुद्धू खाए पान।
                    ये है टी०वी० का ज्ञान।।

सुन्दरियों के वक्षस्थल में मन्त्री जी रहते हैं
जो भी मन्त्री खाते हैं वे ही मन्त्री रहते है
कम्बल साल ओढ़ते जो अपमान सदा सहते है
जो न पहनते लक्स सूट उनको उल्लू कहते हैं
अन्दर की बातें बतलाते सुनो लगाकर कान।।
                      ये है टी०वी० का ज्ञान।।

नहीं जानते आप प्यार का रंग लाल होता है
लाल चाय पीने से दिल भी लाल-लाल होता है
जहाँ पताका चाय वहाँ का ट्रैफ़िक रुक जाता है
वाह ताज पीने वालों का तबला बज जाता है
दूध तो केवल बिल्ली पीती चाय पियें श्रीमान।।
                      ये है टी०वी० का ज्ञान।।

दिन भर जो टी०वी० देखे तो टी०बी० हो जाएगी
बच्चे होंगे ढेर मगर फिर बीबी खो जाएगी
दुख भोगने की फिर सारी युक्ति मिल जाएगी
इसी तरह जल्दी जीवन से मुक्ति मिल जाएगी
मिले मुफ़्त में उसे नरक में टी०वी० की दूकान
                     ये है टी०वी० का ज्ञान।।