भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

तुम हो मुझमें / पुष्पिता

Kavita Kosh से
Gayatri Gupta (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:26, 25 मई 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=पुष्पिता |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatKavita...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

शब्द में
अर्थ की तरह
तुम हो मुझमें

       सुख में
       खुशी की तरह।
       उजाले में
       चमक की तरह।
       सन्नाटे में
       चुप्पी की तरह।
       शांति में
       मौन की तरह।
       पर्वतों में
       ऊँचाई की तरह।
       सागर में
       गहराई की तरह।
       पानी में
       नमी की तरह।
प्रेम में
प्रेम की तरह
तुम हो मुझमें।