भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

दुनियादारी / कुंदन माली

Kavita Kosh से
सशुल्क योगदानकर्ता ३ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 06:27, 20 जून 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कुंदन माली |संग्रह=जग रो लेखो / कुं...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

नूंवो नूंवो जमानो
मरूथल़ चालै नाव

नूंवो नूंवो जमानो
बसै कागजां गाँव

नूंवो नूंवो जमानो
पड़ै हथेलि़यां घाव

नूंवो नूंवौ जमानो
पगथलि़यां में बाव

नूंवो नूंवौ जमायो
आड़ो डोढ़ी चाल

नूंवो नूंवो जमाना
मांडा बीच धमाल

नूंवो नूंवो जमानो
अबखो मनभोल़ाव

नूंवो नूंवो जमानो
हरिचंद बारै भाव

नूंवो नूंवो जमानो
संगत पांखै न्याव

नूंवो नूं वो जमानो
किसी ठौड़ अब जाव
 
नूंवो नूंवो जमानो
खाटा मीठा हाल

नूंवो नूंवो जमानो
बुगला राखै ढाल़