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पगडंडी / नरेश अग्रवाल

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जहाँ से सड़क ख़त्म होती है
वहाँ से शुरू होता है
यह सँकरा रास्ता
बना है जो कई वर्षों में
पाँवों की ठोकरें खाने के बाद,
इस पर घास नहीं उगती
न ही होते हैं लैम्पपोस्ट
सिर्फ़ भरी होती है ख़ुशियाँ
लोगों के घर लौटने की !