भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

बेटियाँ / अंशु हर्ष

Kavita Kosh से
सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:09, 17 मार्च 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अंशु हर्ष |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatKavita...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

इश्वर का अप्रतिम उपहार है बेटियाँ

माँ के सुख दुःख की राजदार है बेटियाँ
पिता कि तरक्की का आगाज है बेटियाँ

भाई के आँगन की चहचहात है बेटियाँ

सीने में धडकते दिल का अरमान है बेटियाँ
पूनम कीरात बिखरती चांदनी है बेटियाँ

बगिया में खिले फूलो की महक है बेटियाँ
सागर में उठती चंचल तरंगे है बेटियाँ

सुना है वह घर का आँगन जिसके
पेड़ की डाली पर
चिड़िया-सी फुदकती ना हो बेटियाँ...