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मख़दूम मोहिउद्दीन / परिचय

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मखदूम मोहीउद्दीन का पूरा नाम था अबू सईद मोहम्‍मद मख़दूम मोहीउद्दीन हुज़री । उनका जन्‍म सन 1908 में आंध्रप्रदेश के क़रीब मेडक में हुआ था । जो उस ज़माने में हैदराबाद रियासत का हिस्‍सा हुआ करता था । सन 1936 में ओस्‍मानिया यूनिवर्सिटी से उन्‍होंने परास्‍नातक की डिग्री ली थी । सन 1943 में उन्‍होंने हैदराबाद में 'प्रगतिशील लेखक संघ' का गठन किया था । मख़दूम विविध-रंगी शायर थे । एक तरफ इंतिहा मुहब्‍बत का रंग उनकी शायरी में उतरा तो दूसरी तरफ मख़दूम ने क्रांति की शमां जलाई । इसीलिये मख़दूम शायर-ऐ-इंक़लाब के नाम से जाने जाते हैं । वे कम्‍यूनिस्‍ट पार्टी के सक्रिय सदस्‍य थे । 1946-47 में हुए तेलंगाना विद्रोह में मख़दूम ने अहम योगदान दिया था । सन 1969 में उनका निधन हो गया ।
मखदूम की कविताओं का संग्रह 'बिसात-ऐ-रक्‍स' (The Dance Floor) काफी मशहूर हुआ है । वैसे उन्‍होंने रवींद्रनाथ टैगोर की कविताओं पर एक निबंध भी लिखा था और जॉर्ज बर्नाड शॉ की नाटक Widowers' Houses का उर्दू अनुवाद किया था 'होश के नाख़ून' के नाम से । सन 1944 में उनकी कविताओं का एक संग्रह आ चुका था 'सुर्ख़-सवेरा' (The Red Dawn)और सन 1961 में उनकी किताब आई थी ' गुल-ऐ-तीर' (The Dewdrenched Rose)।