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मस्त रहना है तो पूछिए क्या करें / रामकुमार कृषक

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मस्त रहना है तो पूछिए क्या करें,
पेट ख़ाली रखें रोज़ योगा करें !

यह जनम जो मिला व्यर्थ जाए न कल,
पाप पिछले जनम के हैं भोगा करें !

जिनको कुर्बां करें उन पे कुर्बान हों,
कौन कहता है बकरों से धोखा करें !

देश आज़ाद है हम भला क्यों कहें,
आप ऐसा करें आप वैसा करें !

दूसरों के गरेबाँ में झाँकें चलो ,
अपना क्योंकर गरेबाँ टटोला करें !

अस्पतालों के तालों को जाने भी दें,
लाश अपनी उठाकर के डोला करें !

हम तो जम्हूरियत में भी सुल्तान हैं,
भूलकर भी यहाँ मुँह न खोला करें !